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कोविड-19 महामारी और भारत पर उसका प्रभाव

कोरोना वायरस महामारी, जिसे कोविड-19 के नाम से जाना गया, 21वीं सदी की सबसे गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य आपदा रही। इसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, सामाजिक ढांचे, राजनीति और लोगों की मानसिकताहर क्षेत्र में इसका गहरा असर पड़ा।

भारत में कोविड की शुरुआत

कोविड-19 की पहली लहर भारत में जनवरी 2020 के अंत में दर्ज की गई थी, जब केरल में पहला मामला सामने आया। शुरुआत में सरकार ने एहतियाती कदम उठाए, लेकिन जैसेजैसे वायरस फैला, स्थिति गंभीर होती गई।

ऐतिहासिक लॉकडाउन

24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया, जो दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन में से एक था। मकसद था वायरस के फैलाव को रोकना, लेकिन इसके चलते मजदूर वर्ग, गरीब और छोटे व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए।

स्वास्थ्य व्यवस्था की परीक्षा

भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था, जो पहले से ही सीमित संसाधनों पर चल रही थी, अचानक अत्यधिक दबाव में गई।

  • अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई।
  • डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने जान की बाज़ी लगाकर सेवाएं दीं।
  • कई जगहों पर मरीजों को सड़कों पर दम तोड़ते देखा गयाविशेषकर दूसरी लहर के समय।

दूसरी लहर: सबसे घातक चरण

2021 की दूसरी लहर भारत के लिए सबसे दुखदायी रही। डेल्टा वेरिएंट के चलते मौतें और संक्रमण का आंकड़ा तेजी से बढ़ा। श्मशानों में लंबी कतारें, ऑक्सीजन सिलेंडरों की मारामारी और सोशल मीडिया पर मदद की गुहार आम बात हो गई।

टीकाकरण अभियान

संकट के बीच भारत ने एक विशाल टीकाकरण अभियान शुरू किया।

  • कोवैक्सीन और कोविशील्ड जैसे स्वदेशी टीकों को मंजूरी मिली।
  • करोड़ों लोगों को मुफ्त टीके लगाए गए।
  • टीका उत्सवजैसे अभियानों से आमजन को जोड़ा गया।

शिक्षा और डिजिटल युग

कोविड के कारण स्कूल और कॉलेज बंद हो गए। ऑनलाइन शिक्षा की ओर झुकाव बढ़ा, लेकिन डिजिटल डिवाइड ने गरीब छात्रों को पीछे छोड़ दिया।

अर्थव्यवस्था पर असर

  • GDP में ऐतिहासिक गिरावट हुई।
  • लाखों लोगों की नौकरियाँ चली गईं।
  • छोटे व्यापार और MSMEs भारी संकट में गए।
  • सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज और PM गरीब कल्याण योजना जैसे कदम उठाए।

सामाजिक और मानसिक प्रभाव

  • लाखों लोग अपनों को खोकर मानसिक तनाव और अवसाद में चले गए।
  • प्रवासी मजदूरों की पीड़ा ने समाज को झकझोर दिया।
  • परिवारों में दूरी, बेरोज़गारी और भय का माहौल बना।

कोविड ने क्या सिखाया?

  1. स्वास्थ्य ढांचे का सशक्तिकरण जरूरी है।
  2. आपदा प्रबंधन में पारदर्शिता और तेज निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण है।
  3. डिजिटल इंडिया की भूमिका और महत्व स्पष्ट हुआ।

मानवता और एकजुटता का मूल्य फिर से समझ आया।

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