अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति में एक ऐसे चेहरे के रूप में उभरे, जिन्होंने पारंपरिक राजनीतिक व्यवस्था को चुनौती दी और साफ–सुथरी राजनीति का नारा देकर लाखों नागरिकों को राजनीति में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। वे न केवल एक आंदोलनकर्ता रहे, बल्कि एक सफल राजनेता और दिल्ली के तीन बार के मुख्यमंत्री बनकर भी सामने आए।
प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार जिले में हुआ। वे आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और बाद में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए। लेकिन उनका असली झुकाव सामाजिक सेवा और प्रणाली परिवर्तन की ओर था।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन और अन्ना आंदोलन
अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय पहचान तब मिली जब उन्होंने अन्ना हज़ारे के साथ मिलकर जनलोकपाल विधेयक को लागू कराने के लिए 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया। यह आंदोलन, जिसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन नाम से जाना गया, देशभर में गूंजा और लाखों लोग इसमें जुड़े।
हालांकि बाद में अन्ना हज़ारे राजनीति में जाने के खिलाफ थे, परंतु केजरीवाल ने यह मानते हुए कि बदलाव सत्ता में आए बिना संभव नहीं, राजनीति में प्रवेश करने का निर्णय लिया।
आम आदमी पार्टी (AAP) का गठन
26 नवंबर 2012 को अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने “आम आदमी पार्टी” (AAP) की स्थापना की। इस पार्टी का उद्देश्य था — ईमानदार, पारदर्शी और जनहितकारी राजनीति। पार्टी का चुनाव चिन्ह “झाड़ू” था, जो भ्रष्टाचार की सफाई का प्रतीक बना।
2013 का दिल्ली विधानसभा चुनाव
केजरीवाल की अगुवाई में AAP ने 2013 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और चमत्कारिक रूप से 28 सीटें जीत लीं। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बने। हालांकि उन्होंने 49 दिनों में ही इस्तीफा दे दिया, यह कहते हुए कि उन्हें जनलोकपाल बिल पास नहीं करने दिया जा रहा।
2015 और 2020 की प्रचंड जीत
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 में से 70 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। यह दिखाता है कि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के वादों और काम पर भरोसा जताया। इसी तरह, 2020 में भी AAP को भारी बहुमत मिला और केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।
नीतियाँ और प्रशासनिक कार्य
केजरीवाल सरकार ने कई जनहितकारी योजनाएं शुरू कीं, जिनमें प्रमुख हैं:
- मुफ्त बिजली और पानी योजना
- सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों का सुधार
- सीसीटीवी कैमरे और महिला सुरक्षा योजनाएँ
- बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा
इन योजनाओं ने उन्हें गरीब और मध्यम वर्ग के बीच मजबूत आधार दिलाया।