नरेंद्र मोदी, भारतीय राजनीति के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बन चुके हैं। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से उन्होंने देश में कई बड़े और निर्णायक बदलाव किए। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक, तकनीकी और वैश्विक स्तर पर अपने प्रभाव को बढ़ाया, बल्कि घरेलू राजनीति में भी कई नए प्रयोग देखे।
मोदी का उदय: एक चाय वाले से प्रधानमंत्री तक
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। एक साधारण परिवार से आने वाले मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री (2001–2014) के रूप में प्रशासनिक अनुभव हासिल किया और “गुजरात मॉडल” के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हुए।
2014 का ऐतिहासिक चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। उन्होंने “अच्छे दिन आने वाले हैं” और “सबका साथ, सबका विकास” जैसे नारों से लोगों को जोड़ा। जनता ने उन्हें प्रचंड बहुमत दिया और तीस साल बाद किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला।
बड़े सुधार और योजनाएँ
मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक और साहसी कदम उठाए, जिनमें प्रमुख हैं:
- जन धन योजना: हर भारतीय का बैंक खाता खोलने का लक्ष्य
- स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता और शौचालय निर्माण पर ज़ोर
- उज्ज्वला योजना: महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन
- मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया: उद्यमिता को बढ़ावा देना
- आयुष्मान भारत योजना: गरीबों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस
- डिजिटल इंडिया: तकनीक आधारित शासन और सेवाएँ
विवादित लेकिन निर्णायक फैसले
मोदी युग की सबसे बड़ी विशेषता उनके निर्णय लेने की क्षमता रही है। कई फैसले विवादास्पद रहे लेकिन उनके दीर्घकालिक प्रभाव पर चर्चा होती रही:
- नोटबंदी (2016): काले धन के खिलाफ लड़ाई, लेकिन आर्थिक झटका भी
- GST (2017): एक देश, एक टैक्स का सपना साकार
- तीन तलाक बिल: मुस्लिम महिलाओं को कानूनी सुरक्षा
- अनुच्छेद 370 हटाना: जम्मू–कश्मीर को पूर्ण भारत में शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय
- राम मंदिर निर्माण की शुरुआत: दशकों पुराने विवाद का शांतिपूर्ण समाधान
2019 की फिर से जीत और मजबूत नेतृत्व
2019 में हुए आम चुनाव में मोदी सरकार और भी बड़े बहुमत से वापस आई। यह दर्शाता है कि जनता ने उनके पहले कार्यकाल के कार्यों को समर्थन दिया। इसके बाद उन्होंने और अधिक आक्रामक एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कार्य शुरू किया।
वैश्विक मंच पर भारत
मोदी के नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी आवाज मजबूत की। अमेरिका, रूस, चीन और खाड़ी देशों के साथ संबंधों को नया आयाम मिला। International Yoga Day जैसे अभियानों ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया।
आलोचना और चुनौतियाँ
मोदी युग की आलोचनाएँ भी कम नहीं हैं। विपक्षी दलों ने उन्हें तानाशाही शैली, मीडिया नियंत्रण, संवैधानिक संस्थाओं के कमजोर होने और अल्पसंख्यकों की अनदेखी जैसे मुद्दों पर घेरा। अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार और बेरोजगारी पर भी सवाल उठे हैं।